बेहतरीन लीडर बनने के चार स्तर
आठ साल की छोटी बच्ची स्कूल से घर रोते हुए वापस आई । बच्ची के रोने की आवाज सुनकर उसकी माँ, नाडिया काम छोड़कर दरवाजे की तरफ भागी । बच्ची के हाथ में वायलिन थी और वह जोर से रो रही थी । बच्ची को रोता देख माँ ने उससे रोने का कारण पूंछा । बच्ची ने जवाब दिया कि कल से स्कूल में वायलिन सिखाना बंद हो जाएगा और मुझे किसी भी हालत में वायलिन सीखना है ।
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बच्ची का यह जवाब सुनकर माँ को दुःख हुआ । नाडिया खुद एक म्यूजिशियन थी और उसे पता था कि उसकी बच्ची भी आगे चलकर म्यूजिशियन बनेगी । बच्ची को बचपन से ही वायलिन से लगाव था । वायलिन बजाते वक्त यह बच्ची खुद को भूल जाती थी, वायलिन के स्वरों के साथ एक हो जाती थी ।
माँ को स्कूल पर गुस्सा आया और उसने कहा, “ठीक है, कल मैं स्कूल आऊंगी और तुम्हारे टीचर से बात करूंगी ।” माँ सोच रही थी, ‘स्कूल इतना बेरहम कैसे हो सकता है? अगर मेरी बेटी को वायलिन बजाना पसंद है तो स्कूल को क्या दिक्कत है वायलिन सिखाने में?’
दूसरे दिन नाडिया स्कूल पहुंची । शिक्षकों से म्यूजिक के संदर्भ में बातें हुई और शिक्षकों ने बताया, “हमें तो म्यूजिक सिखाना बहुत अच्छा लगता है, किन्तु गवर्नमेंट ने नया नियम बनाया है, इस शैक्षिक वर्ष से पढ़ाई का पूरा फोकस भाषा, गणित और विज्ञान पर रहेगा ।” अब नाडिया को गवर्नमेंट पर गुस्सा आ रहा था ।
वह सोच रही थी, किस तरह से इस समस्या को सुलझाया जाए । उसके मन में उस वक्त एक सवाल आया, सवाल कुछ इस प्रकार था, ‘क्या हम कोई ऐसा रास्ता खोज पाएंगे जिससे बच्चे म्यूजिक भी सीख पाएं और भाषा, गणित, विज्ञान की पढ़ाई भी कर पाएं?’
इस सवाल के जवाब में उसके मन में एक बेहतरीन और रचनात्मक विचार आया और उस विचार ने पढाई का अंदाज़ ही बदल कर रख दिया । उसने शिक्षकों से पूंछा, “क्या आप भाषा, गणित और विज्ञान, म्यूजिक की सहायता से पढ़ा पाएंगे?” शिक्षकों ने कहा, “यह कैसे संभव है?” इस पर नाडिया ने कहा, “मैं एक म्यूजिशियन हूँ, इस काम में मैं आपकी मदद करूंगी” और कुछ ही दिनों में स्कूल ने भाषा, गणित और विज्ञान को म्यूजिक के साथ पढ़ाना शुरू किया । बच्चों ने भाषा, गणित और विज्ञान भी सीखा और म्यूजिक भी ।
इस तरह नाडिया के इस व्यवहार ने यह दिखा दिया कि लीडर बनने के लिए तथा दूसरों को साथ लेकर एक नए भविष्य का निर्माण करने के लिए, हमें ताकत और सत्ता की जरूरत नहीं होती है । असल में लीडरशिप एक मानसिक अवस्था है और यह मानसिकता हमें दुनिया को देखने का सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण देती है । लीडर के तौर पर अगर हम इस मानसिकता का निर्माण करे तो हम इस दुनिया को बेहतर बना सकते हैं, समस्याओं को सुलझा सकते हैं और हमारे लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं ।
अगर आपको एक बेहतर और सफल लीडर बनना है, तो नीचे लिखे हुए चार महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गौर करना होगा ।
१. आपके दिमाग में लीडर के तौर पर आपकी पहचान
२. नया सीखने के प्रति आपका खुलापन
३. ‘जीवन परिवर्तन’ के संदर्भ में आपकी समझ
४. लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की आपकी कला
१. आपके दिमाग में लीडर के तौर पर आपकी पहचान -
जब आप आखें बंद करते हैं और अपने जीवन के संदर्भ में सोचते हैं, तब आपको क्या दिखाई देता है?
आखें बंद करे और सवाल पर सोचिए । आगे पढ़ने की जल्दी ना करें ।
क्या आपने खुद को एक आम इंसान के रूप में देखा या लीडर के?
आपने आखें बंद करने के बाद अपने भीतर खुद के संदर्भ में जो कुछ भी देखा, उसे हम आत्म-छवि या खुद की पहचान कहते हैं । अगर जरुरी है, तो इस आत्म-छवि के ऊपर हमें काम करना होगा । अगर आप लीडर के तौर पर अपनी आत्म-छवि निर्मित करने में सक्षम हो जाते हैं, तो निश्चित ही लीडर बनने की दिशा में उठाया गया यह कदम सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा । क्योंकि हर चीज़ दो बार निर्मित होती है, पहली खुद के दिमाग में और दूसरी वास्तविकता में ।
हमें खुद के दिमाग में लीडर के तौर पर खुद की पहचान निर्मित करनी होगी । यह पहचान जितनी गहरी होगी, उतना हम विपरीत परिस्थितियों के सामने अडिग बनकर खड़े रह सकेंगे । याद रखना, हमारी यह दिमागी पहचान ही हमारी ताकत होती है, इस पहचान से हमारी भावनाएँ निर्मित होती है, जिससे हमारे व्यवहार को दिशा मिलती है । संक्षेप में, लीडर के तौर पर बनी दिमागी पहचान सीधे-सीधे हमारे अवचेतन को नियंत्रित करती है, इसीलिए इस पहचान का ताकतवर होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
लीडर बनने के कौन से ऐसे पहलु हैं, जो आपको अच्छे लगते हैं?
आपको लीडर के तौर पर क्यों विकसित होना हैं?
लीडरशिप के कौन से ऐसे हिस्से हैं, जो आपको बेहद आकर्षित करते हैं?
२. नया सीखने के प्रति आपका खुलापन -
क्या नया सीखना आपको उत्साह से भर देता है?
हमें एक बेहतर लीडर बनने के लिए कुछ बुनियादी कौशल सीखने होंगे, सीखने के प्रति अपने आप को उत्साह से भरना होगा और हर मोड पर कुछ नया सीखने के लिए तैयार रहना होगा । ‘अगर नया सीखना बोझ है, नया सीखना तनाव से भर देता है या नया सीखना झंझट है,’ यदि इस तरह के विचार आपके दिमाग में आते हैं, तो चीजें जटिल और कठिन हो जाएगी । एक प्रभावशाली लीडर बनने के लिए ‘सीखने के प्रति एक नयी सोच’ को विकसित करना होगा । कई बार कॉलेज पूरा होने के साथ सीखना भी समाप्त हो जाता है, लीडर के तौर पर खुद को और दूसरों को नया सीखने के लिए प्रेरित करना होगा ।
एक बेहतर लीडर बनने के लिए आपको कौन से कौशल सीखने होंगे?
३. ‘जीवन परिवर्तन’ के संदर्भ में आपकी समझ -
क्या आपके जीवन में कोई बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन हुआ है? अगर ‘हाँ’, तो उसके मूल में क्या था?
जब ‘जीवन परिवर्तन’ होता है, तब क्या होता है? कैसे होता है? क्या उसका कोई सिस्टम होता है? क्या परिवर्तन अकस्मात हो जाता है? क्या हम सिस्टेमेटिकली परिवर्तन ला सकते हैं? अगर ‘नहीं’, तो क्यों नहीं? अगर ‘हाँ’, तो कैसे? क्या आपने खुद के जीवन को परिवर्तित होते देखा है? अगर ‘हाँ’, तो यह परिवर्तन किस प्रकार हुआ?
‘जीवन परिवर्तन’ के प्रति आपकी समझ आपको बेहतर लीडर के तौर पर स्थापित करने में सबसे ज्यादा लाभदायी होगी । क्योंकि लीडरशिप के जरिए मूलतः आप परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं, वह परिवर्तन चाहे व्यवहार में हो या सोच में, खुद में हो या दूसरों में, व्यक्ति में हो या संस्था में हो, इसलिए अगर आपने खुद को बदलते हुए देखा है, उस पर सोच विचार किया है, तो परिवर्तन के संबंध में आपकी यह सोच लीडरशिप में आपका सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकती है । संक्षेप में, ‘जब आपका जीवन परिवर्तित हुआ तब क्या घटा था?’, इस पर आपका सोच विचार आपके लीडरशिप को ज्यादा असरदार और प्रभावी बनाने में सहयोगी होगा ।
अगर ज़िन्दगी के किसी हिस्से को बदलना है, तो कौन सी मूलभूत बातों पर ध्यान देना होगा?
परिवर्तन के संदर्भ में आपकी सोच क्या है?
आप चेंज या बदलाव की व्याख्या किस तरह करेंगे?
४. लोगों के साथ के संबंध स्थापित करने की कला -
अन्जान लोगों के साथ घुलने मिलने में आपको कितना समय लगता है?
अन्जान लोगों की भीड़ में सहज होने के लिए आपको जितना कम समय लगेगा, उतना आपकी लीडरशिप का विकास जल्दी होगा । सिर्फ यह एक कौशल, ‘लोगों के साथ सहजता से जुड़ना’ आपको लीडरशिप के क्षेत्र में सब से आगे ले जाने में सहायक होगा । इस कौशल का अभ्यास आपको हर दिन करना होगा । लीडरशिप में अक्सर कहा जाता है, जैसे ही आप किसी के साथ बातें करना शुरू करते हैं, वैसे ही सिर्फ पहले तीस सेकंड में आपका प्रभाव स्वीकार या अस्वीकार हो जाता है । क्योंकि आपकी बॉडी लॅग्वेंज, आपका चलना, आपका आत्मविश्वास बिना बोले ही बहुत कुछ बोल जाता है । इसलिए अन्जान लोगों के साथ कुछ ही पलों में अच्छे संबंध स्थापित करने का अभ्यास करना होगा ।
लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की आपकी रणनीति क्या होती हैं?
आप जिस तरीके से रिलेशनशिप मॅनेजमेंट करते हैं, उसे किस तरह से बेहतर किया जा सकता है?
संक्षेप में, एक प्रभावी लीडर बनने के लिए इन चार स्तरों पर काम करना होगा । खुद की पहचान को विकसित करना होगा, नया सीखने के प्रति खुद को उत्साह से भरना होगा, परिवर्तन या चेंज के संदर्भ में समझ बनानी होगी और अच्छे संबंध स्थापित करने की कला सीखनी होगी । एक व्हिजन के साथ काम करना होगा जिससे आपके आसपास के लोगों को सही मायने में एक दिशा मिल सके । साथ ही साथ एक सिस्टेमॅटीक सोच का भी विकास करना होगा । लीडरशिप की एक ऐसी प्रणाली या सिस्टम खडी करनी होगी, जिससे जीवन परिवर्तन और लोगों की मदद करना आसान हो सके ।
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Sandip Shirsat
Executive Leadeship Coach & Trainer, Founder & CEO of IBHNLP
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Summary:
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