कुछ बेहतरीन सवाल जिससे आप आपनी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकते हैं
१९८५ के दौरान फोर्ड कंपनी के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं थे, उस वक्त कंपनी को संभालने की जिम्मेदारी डोनाल्ड पीटरसन को दी गयी । कंपनी के सीईओ के तौर पर डोनाल्ड पीटरसन ने कुछ ही समय में फोर्ड कंपनी को बदल कर रख दिया । उनकी मैनेजमेंट स्टाइल इतनी बेहतरीन थी कि फोर्ड में कुछ बड़े एवं सकारात्मक बदलाव हुए, जिससे कंपनी ने प्रगति की राह पकड़ी ।
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डोनाल्ड पीटरसन के पास एक बेहतरीन कौशल था, वह सवाल पूछने में माहिर थे । उन्होंने जो सवाल पूछे, उनके जवाब में कंपनी में परिवर्तन की लहर आ गयी थी । उनके सवाल संबंधित व्यक्तियों को सोचने के लिए मजबूर करते थे और परिवर्तन के लिए उकसाते थे । उनका एक पसंदीदा सवाल था, 'इस काम को किस तरह और बेहतर तरीके से किया जा सकता है?’ उनके इसी सवाल के जवाब में फोर्ड में कई सारी चीजें बदलना शुरू हुई ।
एक बार पीटरसन ने एक सवाल पूछा, जिससे कंपनी के मुनाफे में भारी बढ़ोतरी हुई और एक ऐसी कार बनी जो मार्केट में सुपरहिट साबित हुई । कंपनी के वरिष्ठ डिजाइनर जैक टेलनेट से पीटरसन बातें कर रहे थे । उस बातचीत के दर्मियान पीटरसन ने जैक को एक सवाल पूछा, तुम जिस कार का डिजाइन मुझे दिखा रहे हो, क्या यही कार तुम्हें तुम्हारे घर की पार्किंग में खड़ी करना अच्छा लगेगा?
जैक ने कहा, “बिल्कुल नहीं । मुझे सबको साथ लेकर काम करना पड़ता है, मैनेजमेंट की बातों को आदर देना पड़ता है, मार्केटिंग वालों की बातों पर ध्यान देना पड़ता है और फाइनेंस डिपार्टमेंट की बातों को भी दिमाग में रखना पड़ता है ।” इस पर पीटरसन ने कहा, “अब इन सबको तुम भूल जाओ, क्या तुम कार का ऐसा डिजाइन बना सकते हो, जो तुम्हें अच्छा लगे?”
इस सवाल के जवाब में जैक ने १९८३ में थंडरबर्ड नाम की एक कार का डिजाइन तैयार किया और जब यह कार बनकर मार्केट में आई, इसने तहलका मचा दिया ।
थंडरबर्ड की इस सफलता के पीछे पीटरसन के सवाल थे, उनके सवाल विचार करने के लिए प्रेरित करते थे और परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करते थे । इस तरह हम भी ठीक समय पर, सटीक सवाल पूछने के कौशल में महारत हासिल कर सकते हैं । ऐसे सवाल जो सोचने पर मजबूर करें, जिन में बेहतर परिणाम अर्जित करने की क्षमता हो और विचारों को नयी दिशा देने की योग्यता हो ।
आप खुद को किस तरह के सवाल पूछते हैं? क्या आपके सवाल सकारात्मक होते हैं? क्या आपके सवाल बेहतर परिणाम अर्जित करने की क्षमता रखते हैं?
एक और उदाहरण से इसे समझने की कोशिश करते हैं । कल्पना करें कि आप कस्टमर सर्विस मैनेजर है और ग्राहक सेवा (कस्टमर सर्विस) के बारे में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज हो रही है । १० में से हर ६ ग्राहक अच्छी सर्विस ना मिलने के बारे में शिकायत कर रहे हैं । छानबीन करने के लिए आप कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट में जाते हैं और दूर से ही आपको दिखाई देता है कि डिपार्टमेंट के कर्मचारी का किसी ग्राहक के साथ बहस चल रही है । विवाद सुलझाने के लिए सुपरवाइजर को बुलाया जाता है, पर उसका आना आग में घी डालने का काम करता है । ग्राहक और सुपरवाइजर दोनों ही एक दूसरे पर चिल्ला रहे हैं । ग्राहक की शिकायत है कि जो पार्ट्स उसे मिले हैं, उन में खामियाँ हैं और सुपरवाइजर का कहना है कि यह संभव ही नहीं है, हम जो पार्ट्स ग्राहक को देते हैं, वे बेहतरीन क्वालिटी के होते हैं । विवाद और बढ़ने लगता है, अंत में आप बीच बचाव के लिए पहुँचते हैं और मामले को शांत करते हैं ।
इसके बाद आप सुपरवाइजर और ग्राहक सेवा कर्मचारी को अपने ऑफिस में बुला लेते हैं । अब इन दोनों को आप क्या सवाल पूछेंगे?
आगे पढ़ने की जल्दी ना करें, सुपरवाइजर और ग्राहक सेवा कर्मचारी का ग्राहक के साथ जो झगड़ा हुआ, उस संबंध में जो सवाल पूछेंगे, उन सवालों के बारे में सोचिए ।
क्या आपके सवाल कुछ इस प्रकार के हैं -
१. किस की वजह से यह झगड़ा हुआ?
२. इसमें किस की गलती है?
३. क्या इसके लिए ग्राहक जिम्मेदार है?
४. क्या यह सब ग्राहक सेवा कर्मचारी के गुस्से के कारण हुआ?
५. क्या इसके लिए सुपरवाइजर जिम्मेदार है?
६. इस झगड़े का मूल कारण क्या है?
या आपके सवाल कुछ इस प्रकार के हैं -
१. हमारी तरफ से ऐसा क्या हुआ, जिससे यह परिस्थिति निर्मित हुई?
२. हम ऐसा क्या कर सकते हैं, जिससे इस तरह की घटना फिर से ना घटे?
३. क्या पहले भी इस तरह की घटनाएँ घटी हैं? अगर हां, तो इस घटना में और पहले घटी हुई घटनाओं में क्या समानता है?
४. क्या ग्राहक सेवा देने वाली टीम को अन्य लोगों से मदद की आवश्यकता है? क्या उन्हें ट्रेनिंग की आवश्यकता है?
५. क्या ग्राहक सेवा टीम को बाकी स्टाफ और मैनेजर से सहयोग मिलता है?
६. ग्राहक सेवा टीम को जो अधिकार दिए हैं, क्या वे काफी हैं?
७. क्या सुपरवाइजर को बुलाए बिना ग्राहक सेवा की टीम इस घटना को बेहतर तरीके से संभाल सकती थी?
८. क्या सुपरवाइजर पर कम समय में ज्यादा काम निपटाने का दबाव है? क्या हर छोटे-मोटे मामलों को निपटाने के लिए सुपरवाइजर को बुलाया जाता है?
९. जो पार्ट्स ग्राहक को भेजे थे, क्या उसके उत्पादन में गड़बड़ी थी?
अब आप ही सोचिए, आपने किस तरह के सवाल पूछे? क्या आपके सवाल समस्या का समाधान खोजने में मदद करने वाले थे, या आपके सवालों ने समस्या को और जटिल बना दिया?
समस्याओं को सुलझाने के लिए कुछ और बेहतरीन सवाल -
१. इस समस्या को कैसे सुलझाया जा सकता है?
२. इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या ठीक करना जरूरी है?
३. मुझे ऐसा क्या करना होगा, जिससे यह समस्या सुलझ सके?
४. मुझे ऐसा क्या नहीं करना होगा, जिससे यह समस्या सुलझ सके?
५. मैं किस तरह से इस समस्या को सुलझाने की प्रक्रिया का आनंद ले सकता हूँ?
आशा करता हूँ कि यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । चलो तो फिर मिलते हैं अगले ब्लॉग में, तब तक के लिए ...
एन्जॉय योर लाइफ एंड लिव विथ पैशन !
Sandip Shirsat
Executive Leadeship Coach & Trainer, Founder & CEO of IBHNLP
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Summary:
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